जानिए कैसे गुलाब की खेती से महकी किसानों की ज़िंदगी?

गुलाब Gulab

गुलाब एक ऐसा पौधा है जो की एक बार लगाने के बाद सालो तक चलता है और इसका फूल बहुत खुशबूदर होता है। ये एक झाड़ीदार कंटीला पौधा होता है।  गुलाब के पौधा में अनेक रंग के फुल आते है गुलाब के पौधा की ऊंचाई 4-6 फुट की होती है। तने के चारो तरफ कांटे लगे होते हैं। गुलाब की 5 पत्तियां मिली हुई होती है। बहुत मात्रा में मिलने वाला गुलाब का फूल गुलाबी तथा लाल रंग का होता है तथा भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व में गुलाब की बहुत मांग रहती है । विशेष रूप से खाड़ी देशों मे इसकी बहुत मांग रहती है।इस से पता चलता है कि गुलाब कि खेती लाभ का सौदा बन सकता है।

गुलाब के फूलों का गुण Gulab ke Phoolon ka Gun 

गुलाब न केवल खुशबू देता है, बल्कि सामने वाले का मन भी मोह लेता है । गुलाब को देखते ही मन एक अद्भुत शांति से तृप्त हो जाता है । फूलों की इस खूबसूरत दुनिया में गुलाब का एक ख़ास महत्व है गुलाब को सभी फूलो का राजा तो माना ही जाता है। इसके अलावा गुलाब को प्यार का प्रतीक भी माना जाता है एवं हम गुलाब को सौंदर्य, सुगंध और खुशहाली  का प्रतीकरूप भी कह सकते हैं।

गुलाब के तेल से इत्र तैयार होता है जिसकी विदेशों मे बहुत डिमांड रहती है। गुलाब का तेल लगभग एक लाख रुपये प्रति लीटर बिकता है। किसान गुलाब कि खेती करके लाभ उठा सकते हैं।

गुलाब की खेती के प्रमुख राज्य Gulab ki Kheti ke Parmukh Rajya

जैसा आप जानते हे हैं कि हमारे भारत में गुलाब हर जगह उगाये जाते है। लेकिन कुछ राज्यों ने इसके उत्पादन मे नए मापदंड स्थापित किए हैं। भारत मे मुख्यता राजस्थान , महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंद्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश,जम्मू एवं कश्मीर, पंजाब, हरियाणा,आदि राज्यो में गुलाब कि खेती एक नकदी फसल के रूप मे की जाती है।

गुलाब की खेती Gulab ki Kheti

एक बार लगाने के बाद गुलाब 15 साल तक फसल देता है इसको नवम्बर से जनवरी तक लगाया जाता है।

एक एकड़ मे 4000 पौधे लगते हैं। यदि किसान पालमपुर केंद्र से पौधे लेते हैं तो एक तैयार पौधा लगभग 20 से 25 रुपये मे मिलता है। गुलाब का पौधे लगाते हुए लाइन से लाइन 5 फूट की दूरी और पौधे से पौधे में 2 फूट की दूरी रखनी चाहिए। ( जिससे के एक एकड़ मे पौधों पर लगभग 80 हज़ार से 1 लाख रूपये तक की लागत आती है।)

gulab ki kheti
गुलाब की kheti

लेकिन अगर हम कलम से पौधा तैयार करें तो पालमपुर केंद्र से हमे लगभग 50 पैसे से 2 रुपये प्रति कटिंग मिल जाता है और इस प्रकार हम अपनी लागत को बहुत ज्यादा कम करके मात्र 2000 रुपये मे ही एक एकड़ के लिए पौधे तैयार कर सकते हैं।

गुलाब के फुल की किस्मे Gulab ke Phool ki Kismen

देसी गुलाब के अलावा गुलाब का पौधा भारत में बुलगारिया से आया। भारत मे गुलाब पर दो मुख्य शोध केंद्र बनाए गए पहला हिमाचल के पालमपुर में और दूसरा केंद्र उत्तरप्रदेश के लखनऊ मे बनाया गया।

पालमपुर केंद्र ने दो क़िस्मों का विकास किया।

  1. ज्वाला
  2. हीमरोज़

लखनऊ केंद्र ने भी दो क़िस्में विकसित की।

  1. नूरजन्हा
  2. बेगमशाहबा

गुलाब की खाद Gulab ki Khad

गुलाब की खेती में एक उच्च कोटि के फूलो की पैदावार लेने के लिए हमे गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए। अगर हम गुलाब कि खेती गुलाब का तेल निकालने के नजरिए से कर रहे हैं तो भूल कर भी उसमे रसायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि उससे उस कि गुणवत्ता मे गीरावट आएगी। जिसकी वजय से किसान उसको सही मूल्य पर बेच नहीं पाएंगे। हमारे किसान भाइयों को नुकसान होगा। अगर हम ऋषि कृषि की तकनीक से गुलाब कि खेती करें तो बहुत ज्यादा लाभ ले सकते है।

गुलाब की खेती मे हमारे किसान भाइयों को गोबर कि खाद के अलावा हरी खाद या आछादन का उपयोग करना चाहिए। किसान भाई जीवामृत का प्रयोग भी कर सकते हैं।

सिंचाई Sinchai

जैसा कि आप जानते ही हैं गुलाब बहुत ही संवेदनशील पौधा है। यह ना तो ज्यादा सर्दी सहन कर सकता है ना ही ज्यादा गर्मी। इसलिए हमें गुलाब की खेती करते हुए सिंचाई का विशेष ध्यान रखना है। समान्यता सर्दी के मौसम मे गुलाब की खेती को 10 से 12 दिन मे पानी लगाना चाहिए और गर्मी के दिनों मे 5 या 6 दिन मे ही पानी लगा देना चाहिए।(बाकी यह ज्यादा तर भूमि की प्र्कृती पर निर्भर करता है।) सही सिंचाई से हमे अच्छी फसल की प्राप्ति होती है।

 कटाई छँटाई का समय Katai Chhantai ka Samay

गुलाब की खेती का सबसे अच्छा समय माना जाता है जब बारिश समाप्त हो जाती है और शीतकाल शुरू हो जाता है। गुलाब उगाने वाले हमारे किसान भाइयों को जनवरी से फ़रवरी में इसकी कटाई छँटाई शुरू कर देनी चाहिए । कुछ किसान गुलाब से व्यापारिक लाभ ज्यादा लेने के लिए नवम्बर मे भी कटाई करते हैं । प्रगतिशील किसान भाई इस कटाई से ही सीड भी तैयार करते हैं ।

गुलाब के फूलों की तुड़ाई Gulab ke Phoolon ki Tudai

किसी भी गुलाब जैसे कि लाल, पीला, सफ़ेद, गुलाबी, एवं काले गुलाब की सर्वोपरि पंखुड़ी जब मूड कर इकट्ठी होने लगे तो समझो ये फूलों के बाज़ार मे ले जाने के लिए तोड़ने का सही समय है। फूलों को तोड़ते समय ये ध्यान रखना चाहिए कि दांडी कम से कम 4 इंच की होनी चाहिए। गर्मियों मे फूलों को तोड़ते ही बर्फ मे लगा देना चाहिए। सर्दियों के मौसम मे इसकी जरूरत नहीं पड़ती। केवल पैकिंग पर ध्यान देना चाहिए और फूलों तोड़ते समय ध्यान रखे कि फूलों के नीचे कम से कम दो पतियाँ हों। ऐसा करके हम फूलों कि लाइफ बढ़ा सकते हैं।

सावधानियाँ Sawdhaniyan

गुलाब ज्यादा संवेदनशील होने के कारण ज्यादा गर्मी और सर्दी से बचाना चाहिए।

गर्मी के मौसम मे फूल तोड़ने से पहले बर्फ का प्रबंध कर लेना चाहिए।

पानी की निकासी का उचित प्रबंध।

फर्टिलाइज़र्स और पेस्टिसाइड का प्रयोग ना करें।

गुलाब अर्क के लिए देशी गुलाब का रोपण करें।

नवम्बर या फ़रवरी मे कटिंग जरूर करें।

तेल निकालने का तरीका Tel Nikalne ka Tarika

गुलाब के फूलों से तेल निकालने के लिए एक हेक्टयर तक एक यूनिट ही काफी है। इसमे सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम स्टील या कॉपर के बर्तन का प्रयोग करें ताकि इसकी उच्च गुणवत्ता बनी रहे। यूनिट मे एक देग और तीन अन्य बर्तन होते हैं। पहले रोज़ वॉटर बनता है और उसके रीसाइकल करके गुलाब का तेल प्राप्त किया जाता है।

उत्पादन Utpadan

पहले साल लगभग 5 क्विंटल(10% औसत उत्पादन) दूसरे साल लगभग 10 क्विंटल (50% औसत उत्पादन का )और तीसरे साल लगभग 20 क्विंटल (100% औसत उतपादन )तक होने लगता है।

गुलाब की खेती से लाभ Gulab ki Kheti se Labh 

फूल का तेल जिसकी कीमत 20 लाख रुपये प्रति लीटर तक है। जिस प्रकार दूध मे फैट के हिसाब से रेट मिलता है। जितना अधिक फैट उतना ही ज्यादा दाम किसान को मिलता है। ठीक इसी प्रकार तेल जितना ओरगनिक वैल्यू का होगा आपको उतना ही ज्यादा लाभ होगा। गुलाब की खेती से हमारे किसान औसतन 10 से 12 लाख की आय कर रहे हैं।

निष्कर्ष Conclusion

गुलाब ना केवल देखने और खुशबू मे अद्भुत होता है। बल्कि गुलाब की खेती से किसानों की ज़िंदगी भी महकने लगी है। अगर किसान अपनी फसल की मार्केटिंग करना सीख ले तो कोई भी व्यवसाय खेती का मुक़ाबला नहीं कर सकता। हमे सफल किसानों से सीखना चाहिए। गुलाब की खेती से हम विदेशी मुद्रा भी अर्जित कर सकते हैं।

अगर आप इसी प्रकार की अन्य फसल के बारे मे जानकारी चाहते हैं तो हमे अपना कमेंट जरूर लिखें। हम आने वाली पोस्ट मे भी नकद फसलों की जानकारी देते रहेंगे। जिससे कि किसान की आमदनी बढ़ सके। #जयहिन्द

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About Rashmi Chauhan

मैं रश्मी चौहान B.SC की पढाई कर चुकी हूँ। मैंने एक दिन खेत में ट्रेक्टर चलाया और खेतो मैं जा कर काम किया और ये मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने यह सोचा कि मैं खेती की साईट पर काम करूँ और अब मैं डिजिटल मार्किटिंग से जुड़ कर 'सही खेती' की साईट पर काम कर रही हूँ और किसानों को सही जानकारी देने की कोशिश कर रही हूँ।
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